दोपहर 3.30 बजे नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति में मिल जाएगी अमर जवान ज्योति, विपक्ष ने बताया शहीदों का अपमान

By: Pinki Fri, 21 Jan 2022 1:37:14

दोपहर 3.30 बजे नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति में मिल जाएगी अमर जवान ज्योति, विपक्ष ने बताया शहीदों का अपमान

दिल्ली में 50 साल से इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति अब शनल वॉर मेमोरियल पर प्रज्जवलित होगी। शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे एक समारोह में इसकी लौ को वॉर मेमोरियल की ज्योति में मिला दिया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे। अमर जवान ज्योति को पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में शहीद होने वाले 3,843 भारतीय जवानों की याद में बनाया गया था। इसे पहली बार 1972 में प्रज्जवलित किया गया था। तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने 26 फरवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था। वहीं नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण केंद्र सरकार ने 2019 में किया था। इसे 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक शहादत दे चुके 26,466 भारतीय जवानों के सम्मान में निर्मित किया गया था। 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्मारक का उद्घाटन किया था।

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अमर जवान ज्योति हटाने को लेकर समर्थन और विरोध के सुर सामने आने लगे हैं। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस ज्योति को बुझाया नहीं शिफ्ट किया जा रहा है। अमर जवान ज्योति पर जलने वाली ज्योत 1971 और अन्य युद्धों में शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देती थी, लेकिन उनमें से किसी का नाम यहां नहीं लिखा था। इंडिया गेट पर जो नाम लिखे हैं वे उन सैनिकों के हैं जो वर्ल्ड वॉर-1 और एंग्लो-अफगान वॉर में शरीद हुए। यह हमारे गुलामी वाले समय की याद दिलाते हैं। 1971 के युद्ध समेत बाकी सभी युद्धों में शरीद होने वाले सैनिकों के नाम नेशनल वॉर मेमोरियल में दर्ज हैं। इसलिए वहां ज्योति जलाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह विडंबना है कि जिन लोगों ने 70 साल में नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया वे अब हमारे शहीद सैनिकों को सही श्रद्धांजलि मिलने पर विवाद खड़ा कर रहे हैं।

वहीं, विपक्षी पार्टियों इसे शहीदों का अपमान बता रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कुछ लोग देशप्रेम और बलिदान नहीं समझ सकते। कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे! बहुत सारे पूर्व सैनिकों ने इसे अपनी भावनाओं से जुड़ा हुआ बताते हुए नहीं हटाए जाने की अपील भी की है। हालांकि, इसे वॉर मेमोरियल लेकर जाने के समर्थकों का कहना है कि वहां पहले से सैनिकों की याद में एक ज्योति मौजूद है। वह जगह शहीदों को सम्मान देने के लिए ही बनी है। पूर्व नेवी चीफ एडमिरल अरुण प्रकाश ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा कि अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर अस्थाई रूप से स्थापित किया गया था। अब हमारे पास अपना एक वॉर मेमोरियल है, तो इसे वहीं ले जाना बेहतर होगा।

हम अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे : राहुल गांधी

इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे दुख की बात बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!'

मोदी जी आप न किसान के हैं न जवान के

वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी इसका विरोध किया है। संजय सिंह ने एक ट्वीट में लिखा, 'मोदी जी आप "न किसान के हैं न जवान के"। 1971 के भारत-पाक युद्ध में हमारे जवानों ने अपनी शहादत दी। उनकी याद में 50 वर्षों से ये “अमर जवान ज्योति” जल रही है। आप उस ज्योति को बुझाकर वीर जवानों की शहादत का अपमान कर रहे हैं। ये देश आपको माफ नहीं करेगा।'
इंडिया गेट 84,000 ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की यादगार

बता दें कि 42 मीटर ऊंचे इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने किया था। ब्रिटिश सरकार ने 1914-21 के बीच पहले विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से शहीद होने वाले 84,000 भारतीय सैनिकों की याद में इसे बनाया था। इस पर उन सैनिकों के नाम भी खुदे हुए हैं।

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